प्रशिक्षण के दूसरे दिन की शुरूआत प्रभु वंदन से हुई जिसने मन को एक असीम ऊर्जा प्राप्त हुई।
फिर शुरू हुआ सिखने सिखाने का सिलसिला और श्री फैजल जी के दवारा पुस्तकालय दिशा निर्देश को पढ़ाया गया उसके बारे मे विस्तार से चर्चा की गई हम सब की शंकाओ को समझा गया और उनका समाधन किया गया इस पूरे सत्र मे मैने पुस्तका लय दिशा निर्देश को बहुत अच्छे से समझा और उसके उन सभी पहलू की और अपना ध्यान आकृषित किया जिनको मे कुछ कम जनता था या समझता था। वाक्य ही इस सत्र से मुझे अपने आप को बहुत कुछ प्राप्त करते हुए पाया।
दूसरे सत्र मे श्री टेकचंद जी प्रशिक्षण सह निदेशक जी के दवारा विद्यालय सुरक्षा पर जो सत्र हुआ उसने मुझे अंदर से इतना झकझोर दिया की विद्यालय सुरक्षा और छात्रों की सुरक्षा कितनी अहम और जरूरी है जिसके बिना शिक्षा की कल्पना करना भी सही नही होगा इस सत्र मे मुझे सीखने को बहुत कुछ मिला की किस प्रकार की योजना और नीतियों को अपनाकर हम विद्यालय सुरक्षा को मजबूत और छात्रों के लिए उपयोगी माहौल बना सकते है इसमें मुझे भौतिक,सामाजिक और भावनात्मक सुरक्षा के विभिन्न आयामो को जानने का अवसर मिला।
तीसरे सत्र मे हमे डिजिटल फ़ोर्ट फोलियो के बारे मे विशेष सत्र शुरू हुआ जो की आज के इस डीजिटल युग मे अति महत्व रखता है जिसके कारण मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला और जिसके नये नये प्रकार से श्री आदेश जी ने बहुत ही सरल तरीके से हमे इसकी मूल प्रणाली को समझाया जो की मेरे लिए बहुत उपयोगी है।
अंत मे इस पूरे दिन मैने अपने वावसायिक और निजी जीवन मे बहुत ही बदलाव आने का आभास हुआ।
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